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A desperate clanging of cowbells in the ship-breaking yard of Gadani, Pakistan, could mean only one thing. Abdul Jabbaar, the tyrant, was hunting a man. When Xobeen returns from Karachi having topped the civil services exam, the brutality of his brother Feroz’s fate ruptures any sense of right and wrong. Consumed by vengeance and intent on dispensing his own brutal justice, he sees only one choice—the end of Abdul Jabbaar.
Armed with two fierce allies, Altaf and Tanvir, and the love of his life, Aisha, one common man’s voyage for justice sparks a deadly coup that spans continents and lands him at the heart of a rotten political system.
.AUTHOR
Director of music videos and commercial films, Sawant Ghosh's credits include music videos like Channa ve and Soniye Heriye. Short stories being his favourite genre, coming up with stories for his projects came easily to him. His four years stint in Afghanistan instigated the adventurous gene in him. This is his first book, which he wrote as a challenge to himself by picking a genre he had never read anything like.
इस पुस्तक के लेखक डॉ. राजेंद्र संजय अपने दिल की बात बताते हुए कहते हैः- “कवि की पहचान उसकी कविता है। मेरी कविताओं को एक बुज़ुर्ग शायर ने सुना। सुनकर वह बहुत प्रभावित हुए और सलाह दी कि मैं अपने संस्कृत बहुल शब्दों पर उर्दू की चाशनी चढ़ाऊँ। यह मुझे बहुत दूर तक ले जाएगी। काफी उधेड़-बुन के बाद मुझे अहसास हुआ कि बुज़ुर्ग का कहना बिल्कुल सही था।
मुश्किल में जो काम आता है उससे दिल का रिश्ता जुड़ जाता है। दरअस्ल, ये रिश्ते इंसानी ज़िंदगी में वह सीढ़ी हैं जिनके सहारे इंसान किसी भी ऊँचाई को छू सकता है।यह रिश्ता ही ख्वाबों को जन्म देता है, उनमें उड़ान भरता है, यह इंसान को कहाँ से कहाँ पहुँचा देता है। इंसान इसी की बदौलत देवत्व को भी हासिल करता है। रिश्ते हैं तो सबकुछ है वरना कुछ भी नहीं है।
The novel is based on the true event. Book is based on the encounter of bandit Ghanshayam Kevat alias Ghansu Dakait at Jamouli Village of District Chitrkoot, UP in 2015.
It is litrery depiction of the event and covers the concerns and issue involved. This is the story of 3 days of the encounter in full length.
उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले का गांव जमौली। अचानक पूरी दुनिया की निगाहों का मरकज बन गया। कारण था दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट उर्फ घनसू उर्फ नान डकैत उर्फ बग्गड़ की 59 घंटों तक पुलिस के साथ चली मुठभेड़।
इस सत्य घटना पर आधारित कृति तैयार करने के लिए खासा शोध किया है। यह कहानी न डकैतों की है, न पुलिस वालों की। न अपराधियों की, न शहीदों की। न सम्मान की, न अपमान की। यह कहानी है नजरिए की।
माफिया सिरीज की छठी किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और फिल्म जगत के आंतरिक रहस्यों का पर्दाफाश है।
मुंबई फिल्मोद्योग की एक सेक्सी अभिनेत्री मुंबई अंडरवर्ल्ड के बेताज बादशाह दानिश की अंकशायिनी कैसे और क्यों बनी? इस अदाकारा का ही जीजा अदीब कैसे और क्यों बन गया डॉन दानिश के लिए फिल्म जगत की अंदरूनी सूचनाएं देने वाला इनसाईडर? फिल्मी दुनिया और अंडरवर्ल्ड के बीच ऐसा चोली-दामन का गठबंधन है कि छूटे नहीं छूटता।
पुलिस वाले भी फिल्मी दुनिया का दोहन अंडवर्ल्ड के रिश्तों और उससे बचाने के नाम पर करते हैं।
ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता विवेक अग्रवाल का सच्चे किरदारों को केंद्र में रख कर लिया उपन्यास आपको हर पल चौंकाएगा।
E BOOK-CORONA UNCOS
Corona Uncos is a collection of stories that are very heart warming or terribly heart wrenching. While some stories might shatter your faith in humanity, some of them will not fail to bring a smile on your face.
This book is completely dedicated to the known and unknown Corona Warriors. 150 such stories have been written and compiled by Tanisha Agrawal.
मुंबई माफिया पर कुछ लिखना, वह भी तब, जब बहुत कुछ कहा-सुना-लिखा-पढ़ा जा चुका हो, एक चुनौती है। ऐसी किताब पेश की है, जिसमें अंडरवर्ल्ड के ढेरों राज फाश हुए हैं।
ख़बरों की कुछ दिनों तक कीमत होती है लेकिन संग्रहणीय किताब सदियों तक कीमती बनी रहती है। देश का सबसे खतरनाक अंडरवर्ल्ड पूरे विश्व में जा पहुँचा है।
सुकुर नारायण बखिया, लल्लू जोगी, भाणा पटेल, हाजी मस्तान, करीम लाला तक तस्करी थी। वरदराजन मुदलियार ने कच्ची शराब, जुआखानों, चकलों, हफ़्तावसूली तक वो सब किया, जिससे गैंग के बीज पड़े। उसके बाद मन्या सुर्वे, आलमज़ेब, अमीरजादा, पापा गवली, बाबू रेशिम, दाऊद, गवली, सुभाष ठाकुर, बंटी, हेमंत, रवि, संतोष शेट्टी, वगैरह आए। ‘मुंभाई’ में कई अछूते विषय हैं। यह शोधपरक लेखन है। यह पुस्तक अंडरवर्ल्ड का जीवंत दस्तावेज़ है। ये ‘मुंभाई’ श्रृंखला की दुसरी पुस्तक है।
लिंबू मिरची किताब विवेक अग्रवाल की लेखकीय दृष्टि का अलग पहलू पेश कर रही है।
उनका पहला लघुकथा संग्रह लिंबू मिरची है। यह किताब न जाने कितने विषयों और किरदारों के साथ हाजिरी लगाती है। विवेक अग्रवाल ने इन लघु कथाओं में न केवल विषयों का विस्तार तथा विविधता बनाए रखे हैं बल्कि किरदारों का अनूठा संसार भी गढ़ा है। वे कहानियां लिखते हुए सामाजिक बुराईयों पर गहरा प्रहार करते हैं। कुछ ऐसे बिंदु भी उठा लाए हैं, जो समाज को नई दशा और दिशा देते हैं।
इन कहानियों में समय साथ-साथ चलता है। समाज से उठाए विषय पर लघु कथाएं लिंबू मिरची में हैं। ये छोटी कहानियां मन में टीस भरती हैं। आंखों के कोर गिले करती हैं। कसमसाती हैं। दुखी करती हैं। कभी गुदगुदाती, हंसाती भी हैं। हर कहानी का अपना व्यक्तित्व है क्योंकि हर लघुकथा अलग विषय, स्थान, वक्त, भाव, पात्र धारण करती है।
Khel Khallas
'Khel Khallas' is all about the mafias of Mumbai and the documented stories of the key characters who played an important role in it. The book has a collection of gangsters, pawns, and informers that highlights the many untold aspects of Mumbai's Mafia universe with such facts which the world is still not aware of. Also it contains information and photographs of Mumbai's infamous Mafia dons, their wives and loved ones, relatives, colleagues, their houses and bases.
अंडरवर्ल्ड का सबसे खतरनाक शूटर शिवा, जो चाकू-तलवार-गुप्ती-पिस्तौल-बंदूकें चलाने में माहिर है। अंडरवर्ल्ड में उसके पहुंचने और दुस्साहसिक कारनामे अंजाम देने की दिल दहलाने वाली दास्तान है - स्ट्राईकर।
शिवा की अंडरवर्ड डॉन, पुलिस, पॉलीटिशियन, उद्योगपतियों के बीच कैरम के स्ट्राइकर जैसी जिंदगी हो चली। वह सबके हाथों खेलता है। अपनी जिंदगी जीने के लिए वह दूसरों की जिंदगी छीनता है।
शिवा के जीवन में एक रानी है। वो प्रिया से मुहब्बत करता है, जिसके साथ सुख के दो पल बिताना ही उसका ख्वाब है। प्रिया हर बार उसके प्रणय निवेदन पर कतरा कर निकल जाती है। शिवा न तो अपनी इस रानी को हासिल कर पा रहा है, ना ही कैरम बोर्ड पर पॉकेट में लाल रानी डालने की कोशिश कामयाब होती है।
क्या शिवा कभी कामयाब नहीं होगा?
वो एक फोर्जर है। मास्टर फोर्जर। देश-विदेश का ऐसा कोई दस्तावेज या पासपोर्ट नहीं, जिसकी नकल अब्बास नहीं कर सकता।
अब्बास के क्लाईंट भी छोटे-मोटे नहीं हैं। देश के नामी-गिरामी अंडरवर्ल्ड डॉन, चीटर, कार्पोरेट लीडर्स, क्रिमिनल्स, दबंग, बाहुबली, भ्रष्ट नेता-अफसर... हर वो शख्श, जिसे कानून की निगाहों से, कानून के लंबे हाथों से, बच कर इंसानों के जंगल में गुम हो जाना है।
अब्बास का काम बखूबी चल रहा है। बिना किसी हंगामे और शोर-शराबे के चल रहे काम में एक दिन ऐसी अड़चन आई कि अब्बास की जिंदगी ही खतरे में पड़ गई। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में अब्बास को वही सब करना पड़ा, जो उसके क्लाईंट्स करते आए हैं।
अब्बास का किरदार मुंबई अंडरवर्ल्ड में मौजूद रहा है, जिसे हूबहू पेश किया है लेकिन कथानक को रोचक बनाने के लिए कुछ लेखकीय छूट ली हैं।
दुनिया में ऐसे-ऐसे खतरनाक साईको सेक्स किलर हुए हैं, जिनके कारनामे पढ़ कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
ऐसा ही एक नराधम कालांतर में हुआ, जिसने तीन देशों के बीच चलने वाली तीन ट्रेन कुछ ही अर्से में पाईप बम लगा कर उड़ाईं। इसमें 300 से अधिक लोग मारे गए, सैंकड़ों घायल हुए, करोड़ों का नुकसान हुआ।
अदालत में चले मुकदमे से तथ्य बाहर आया कि वह मनोरोगी था। यात्रियों की मौत का क्रंदन सुन उसकी वासना भड़कती थी। उनका बहता रक्त देख चरम सुख पर स्खलित होता था।
कोई मानने के लिए तैयार न था कि ये खूबसूरत और पारिवारिक व्यक्ति भी ऐसी वहशियाना हरकतें कर सकता है। उसकी कहानी भारतीय परिवेश में तब्दील करके पेश की है। असली विदेशी हत्यारे की जिंदगी को अभिमान के भयावह रूप के साथ आधुनिक युग में लाए हैं, जिससे कहानी से पाठकों का जुड़ाव बेहतर हो सके।
E BOOK-UNDERWORLD BULLETS @ 199.00
Non Fiction book based on Mumbai Underworld true account. This book has 113 short pieces in Hindi about Mumbai Mafia. The tales of Mumbai underbelly will give you new horizon. The narrative of the book presents the facts, anecdotes and history of dark world of Mumbai. It is true account and chronicle of dark side of human history.
माफिया सिरीज की सातवीं किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और देश के तमाम रेसकोर्स में सबसे बड़े और विख्यात महालक्ष्मी रेसकोर्स की जमीन पर नियंत्रण, हजारों करोड़ के जुए-सट्टे पर कब्जे लेकर मचे घमासान और अंदरूनी रहस्यों का पर्दाफाश है। राजनेता, उद्योगपति, बिल्डर, फिल्मी हस्तियां, गिरोह सरगना के झगडे में फंसते हैं गरीब और ऐसे लोग, जिनका इस दुनिया से कोई वास्ता नहीं। उपन्यास का नायक जॉकी पीसी सेठ क्या-क्या गुल खिला सकता है, उसके अंतस में झांकने की कोशिश है। रेसकोर्स की अंदरूनी राजनीति और क्लब पर नियंत्रण के होने वाली राजनीति, उसमें बने मोहरों के टकराव की खतरनाक अंदरूनी जानकारियों और सच्चे किस्सों-किरदारों से सजी किताब का नाम है - रेसर। ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता, सच्चे किरदारों से सजा विवेक अग्रवाल का उपन्यास रेसर आपको हर पल चौंकाएगा।
‘Aansu’ is based on sexual assault on child. This covers village politics & crimes, life & sins of Mumbai eunuchs, human behavior in times
Narrative of Ansu revolves around a myth of eunuch’s words don’t go empty. What they will say, it will happen in your life
This book is a chronicle of birth to death of our protagonist Ramu
Book is based on author’s experience of the society as a crime and investigative journalist for more than 3 decades
आंसू, दरअसल बाल यौन अत्याचार से छलनी जिस्म में बसी बेबस रूह का रुदन है
वासना के भूखे भेड़ियों का झुंड लगातार लपलपाती जीभें और आंखों में हवस भरे चारों तरफ घूमते हैं, उनके बीच जो फंस गया, उसका जिस्म और रूह, दोनों छलनी होना तय हैं
मुख्य किरदार रामू जो इन भूखे भेड़ियों के बीच फंस गया, उसका क्रंदन सुनने वाला कोई नहीं
प्राणियों के प्रति संवेदना जगाता ‘जंगल सिटी’ एक दिलचस्प नाटक है। इसमें ज़्यादातर प्राणियों के किरदार हैं।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली में शैक्षणिक मामलों के पूर्व डीन डॉ. (प्रो) अभिलाष पिल्लई के मुताबिक - ‘यह नाटक मनुष्यों और जानवरों के बीच संबंधों की पड़ताल करता है। इस बात पर ध्यान आकर्षित करता है कि हम जानवरों को कैसे देखते हैं और प्राणी हमें कैसे देखते हैं।
यह नाटक हमें प्रसिद्ध नाटकों और फिल्मों जैसे ‘जंगल बुक’ और ‘लायन किंग’ की मेमोरी लेन में भी ले जाता है। यह नाटक रंगमंचीय प्रयोगों, चिल्ड्रन वर्कशॉप्स के साथ स्कूल सेलिब्रेशन या वार्षिक आयोजनों के भी योग्य है’।
नाटक का लेखन जाने-पहचाने पत्रकार और लेखक श्री शकील अख़्तर ने किया है।
A desperate clanging of cowbells in the ship-breaking yard of Gadani, Pakistan, could mean only one thing. Abdul Jabbaar, the tyrant, was hunting a man. When Xobeen returns from Karachi having topped the civil services exam, the brutality of his brother Feroz’s fate ruptures any sense of right and wrong. Consumed by vengeance and intent on dispensing his own brutal justice, he sees only one choice—the end of Abdul Jabbaar.
Armed with two fierce allies, Altaf and Tanvir, and the love of his life, Aisha, one common man’s voyage for justice sparks a deadly coup that spans continents and lands him at the heart of a rotten political system.
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11/02/2024
Excellent Story..........
Very nice book. excelect story. we must recomend everyone to read.................................................