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आर्केस्ट्रा डांसर की दुनिया भी निराली है। एक तरफ जहां बेड़िया समुदाय की लड़कियां पारंपरिक रूप से इन ऑर्केस्ट्रा में नाचती मिलती हैं, तो गर्ल चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकार लड़कियां भी आर्केस्ट्रा डांसर बनती है, वहीं कुछ लड़कियां बाखुशी इस पेशे में आती है। जरूरी नहीं कि वे सब वेश्यावृत्ति करें। उत्तेजित भीड़ को अपने करीब तक नहीं फटकने देती।
बिहार राज्य में ही 2,000 से अधिक आर्केस्ट्रा पार्टी फुल टाइम लड़कियों के नाच-गाने पर ही चलती हैं। कोई गरीबी की वजह से, कोई आपातकालीन जरूरतों के कारण, कोई शौकिया तौर पर, कोई सिर्फ कमाई करने के लिए, तो कोई फिल्मों में एक रोल मिलने की चाहत में आर्केस्ट्रा पार्टियों के संचालकों की गुलाम बन मंचों पर नाचती हैं। एक तरफ आर्केस्ट्रा लोगों को रोजगार देते हैं, मनोरंजन करते हैं, तो दूसरी तरफ लड़कियों के लिए सुनहले पिंजरों में तब्दील हो जाते हैं।
AUTHOR
VIVEK AGRAWAL, a journalist with 3 decades of vast experience in the field of crime, defense, legal & terrorism in all the dimensions of media. Since 1985, he actively started writing as a freelancer for the local, state & national newspapers and earned good name in the united Madhya Pradesh.
His career in the mainstream newspapers started in 1992 with Hindi tabloid ‘Hamara Mahanagar’ at Mumbai. In 1993, joined Hindi national newspaper ‘Jansatta’ as a crime reporter. He broke many big time stories in both the newspapers.
His broadcast media journalism days started with India’s First Views Channel ‘Janmat’ (Live India) as Bureau Head, Maharashtra-Goa. He was part of the team of channel ‘Mi Mrathi’. Then joined ‘India TV’ as an investigative journalist.
Vivek Agrawal joined as State Head with ‘News Express’. He cracked many stories of Mumbai Mafia, Terrorism, Financial Crimes and Homeland Security all these days.
He is now focusing on writing and documentary projects, consulting print and electronic media houses to establish & run news businesses with right directions and high esteem.
He is offering his services as a news broadcast channel / newspaper / magazine setup professional to news assessment editor to various new establishments across the nation.
26 books on true crime and other serious subjects written by Vivek. He is the country’s first and only researcher-true crime writer in Hindi language.
His books ‘Mumbhai‘ and ‘Mumbhai Returns‘ created quite a stir in the publishing industry and content field. The book ‘Mumbhai’ won the Maharashtra State Hindi Sahitya Akademi Award 2018 in Journalism Catagory. In the same year ‘Mumbhai’ stood #1 in the non-fiction category in the Jagran-Nielsen survey.
The novel Dattatraya Lodge stood 2nd in the Maharashtra Sahitya Academy, Jainendra Kumar Award 2021-22 in the Novel category.
His one of the bestselling book Bombay Bar translated into Punjabi.
He was Chief Content Coordinator for Documentary Money Mafia Season 3 on Discovery Plus.
He is into creative writing for the Films, TV Shows and Web Series. Scripted 2 films, many short films, TV Shows.
Many Film, Web Series, TV+, TV Shows and Podcast projects are underway based on his books or concepts. Not only Crime, Mafia, Terrorism, Mysteries, Social Crimes, Economic Crimes but Social & Entertaining subjects are also procured by studios / production houses.
Unique and startling concepts and stories for the entertainment shows are his strength.
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मुम्बई की बारबालाओं की अब तक अनकही दास्तान को बयान करती है। बारबालाओं की जिन्दगी की उन सच्चाइयों से परिचित कराती है जो निहायत तकलीफदेह हैं।
अपने हुस्न और हुनर से दूसरों का मनोरंजन करती हैं यह उनकी जाहिर दुनिया है। लेकिन शायद ही कोई जानता होगा कि दूर किसी शहर में मौजूद अपने परिवार से अपनी सच्चाई को लगातर छुपाती हुई वे उसकी हर जिम्मेदारी उठाती हैं। वे अपने परिचितों की मददगार बनती हैं। लेकिन अपनी हसरतों को वे अकसर मरता हुआ देखने को विवश होती हैं।
कुछ बारबालाएँ अकूत दौलत और शोहरत हासिल करने में कामयाब हो जाती हैं, पर इसके बावजूद जो उन्हें हासिल नहीं हो पाता, वह है सामाजिक प्रतिष्ठा और सुकून-भरी पारिवारिक जि़न्दगी।
नाउम्मीदी-भरी इस दुनिया में शर्वरी सोनावणे जैसी लड़की हैं जो बारबालाओं को जिस्मफरोशी के धन्धे में धकेलनेवालों के खिलाफ कानूनी जंग छेड़े हुए है।
A book based on social evils and crime and the world of infamous dance bar of Mumbai and Maharashtra. This is a research based book about dance bars, it’s effects – impacts of society, economy, country. How the government of Maharashtra banned the dance bars in Maharashtra despite Supreme Court judgements. Author of Bar Bandi focus on social and financial crisis of bargirls and stigma they faced.
मुंबई के डांस बारों पर पाबंदी लगने के पहले और बाद के हालात पर विहंगम दृष्टिपात करती एक किताब लिखने का इरादा था। जब काम शुरू हुआ तो मुंबई के डांस बारों की 12 आंसू बहाती बुलबुलों की दास्तां ‘बांबे बार’ में समेटीं, जिसे पाठकों ने खूब सराहा।
डांस बारों का लेखा-जोखा, उसके इतिहास से वर्तमान तक हर पहलू पर नजर डालने के उपक्रम में मेरी भी बार-बंदी किताब तैयार हो गई।
मुंबई के डांस बारों पर एक किताब लिखने चला तो ‘बांबे बार – चिटके तो फटके’ तैयार हो गई। उसके बाद काम किया, तो ‘बारबंदी – बरबाद बारों की बारात’ भी तैयार हो गई। उसके बावजूद इतना मसाला बचा रह गया कि एक और किताब तैयार हो जाए, लिहाजा बारबंदगी ने आकार ले लिया।
मुंबई के डांस बार पूरी दुनिया के कैनवस पर सतरंगी और बदरंगी सपनों का संसार हर रोज रचता है। इसमें जो झिलमिलाते सितारे हैं, वह पीछे से दर्द के तारों से बंधा है।
महाराष्ट्र सरकार भले ही कहे कि राज्य में बारबंदी है, सच तो यह है कि हर जगह ‘बारबंदगी’ जारी है। रिश्वत और भ्रष्टाचार के जरिए इनकी रंगीनियां सारी रात गुलजार रहती हैं।
बारबंदी किताब में जहां बारों पर ताला जड़ने और उसके संघर्ष की दास्तान ऊभर कर सामने आई, वहीं बारबंदगी में डांस बारों के ऐसे विषयों पर चर्चा की है, जो रहस्य की श्रेणी में आते हैं।
भारतीय समाज की बेड़िया जनजाति में फैली एक भयावह परंपरा, कुरीतियों, अपराधों पर आधारित किताब है – ‘अगले जनम बेड़नी ना कीजो।‘ यह किताब देश के बेड़िया समाज की सदियों पुरानी उस परंपरा पर नजर डालती है, जिसके तहत परिवार के मर्द ही अपनी बेटियों-बहनों से वेश्यावृत्ति करवाते हैं। समाज की बनाई परंपराओं के पिंजरों में कैद ये लड़कियां उन बुलबुलों की तरह हैं, जो नाच-गा तो सकती हैं, लेकिन रो नहीं सकतीं। इन बेड़नियों की दर्द भरी जिंदगी और हालात पर शोध आधारित पुस्तक है - अगले जनम बेड़नी ना कीजो। बेड़िया समाज की लड़कियां इस कलंकित पेशे से बाहर निकलने के लिए छटपटा रही हैं, उसी पर लेखक ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बेड़िया समाज में आ रहे परिवर्तनों को भी रेखांकित करने की कोशिश इस किताब में है।
कमाठीपुरा किताब की तमाम कहानियां लेखक ने अपनी पत्रकारिता के दिनों में देखीं, भोगीं और जी हैं। कमाठीपुरा से लेखक ने पत्रिकारिता के दिनों में मुंबई अंडरवर्ल्ड, पुलिस तथा खुफिया विभागों की खूब खबरें हासिल कीं। इसी दौरान लेखक ने यहां मानव तस्करी से बचाव के कई सफल अभियानों में हिस्सा भी लिया।
इस किताब की कहानियां हजारों वेश्याओं और तवायफों के बीच से निकली हैं। समाज की आखिरी पांत में खड़ी इन औरतों-लड़कियों के मैले-कुचैले, बदबूदार, हवा-रोशनी से महरूम कमरों और गलियारों के बीच चंद पल जीते हुए, उनके दुख की गलियों से गुजरते हुए, न जाने कितने किस्से लेखक के दिलो-दिमाग पर छपते रहे। अब किताब के जरिए ये कहानियां साझा की हैं।
E BOOK-Hello Shakespear @ 149.00
‘हैलो शेक्सपियर’ एक प्रयोगधर्मी नाटक है। इसमें शेक्सपियर के लिखे 6 प्रमुख नाटकों के विशिष्ट दृश्यों को संयोजित किया गया है।
यह नाटक हैं-मैकबेथ, किंगलियर, हैमलेट, ऑथेलो, रोमियो जूलियट और जूलियस सीज़र। इनमें ज़यादातर शेक्सपियर के बेहद सफल और चर्चित ट्रैजिडी नाटकों की झलक हैं। नाटक में ख़ुद शेक्सपियर एक किरदार के रूप में मौजूद है।
वरिष्ठ रंग निर्देशक और बाल रंगमंच के विशेषज्ञ हफीज़ ख़ान की संकल्पना पर आधारित इस नाटक लेखन भारत के जाने-पहचाने लेखक-पत्रकार शकील अख़्तर ने किया है।
अंडरवर्ल्ड का सबसे खतरनाक शूटर शिवा, जो चाकू-तलवार-गुप्ती-पिस्तौल-बंदूकें चलाने में माहिर है। अंडरवर्ल्ड में उसके पहुंचने और दुस्साहसिक कारनामे अंजाम देने की दिल दहलाने वाली दास्तान है - स्ट्राईकर।
शिवा की अंडरवर्ड डॉन, पुलिस, पॉलीटिशियन, उद्योगपतियों के बीच कैरम के स्ट्राइकर जैसी जिंदगी हो चली। वह सबके हाथों खेलता है। अपनी जिंदगी जीने के लिए वह दूसरों की जिंदगी छीनता है।
शिवा के जीवन में एक रानी है। वो प्रिया से मुहब्बत करता है, जिसके साथ सुख के दो पल बिताना ही उसका ख्वाब है। प्रिया हर बार उसके प्रणय निवेदन पर कतरा कर निकल जाती है। शिवा न तो अपनी इस रानी को हासिल कर पा रहा है, ना ही कैरम बोर्ड पर पॉकेट में लाल रानी डालने की कोशिश कामयाब होती है।
क्या शिवा कभी कामयाब नहीं होगा?
E BOOK-Jai Hind Subhash @ 149.00
जयहिंद सुभाष
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित नाटक है ‘जयहिंद सुभाष’। नाटक में बालक, किशोर, युवा और प्रौढ़ सुभाष चन्द्र बोस के भारत की स्वाधीनता के संघर्ष की प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया गया है।
यह ऐतिहासिक नाटक सत्य घटनाओं पर आधारित है। नाटक के गीत-संगीत में, आजाद हिन्द फौज के मूल गीतों का भी उपयोग किया गया है।
क्रांतिकारियों के जीवन पर 35 पुस्तकों का लेखन करने वाले श्री सत्यनारायण शर्मा और सुभाष चंद्र बोस से जुड़े साहित्य के अध्धयनकर्तातपन मुखर्जी ने इस नाटक की प्रशंसा है। इसे आज़ादी के अमृत महोत्सव के समय में लिखी गई एक उपयोगी नाट्य कृति बताया है।
जाने-पहचाने लेखक और पत्रकार शकील अख़्तर ने इस नाटक का लेखन किया है
E BOOK-CORONA UNCOS
Corona Uncos is a collection of stories that are very heart warming or terribly heart wrenching. While some stories might shatter your faith in humanity, some of them will not fail to bring a smile on your face.
This book is completely dedicated to the known and unknown Corona Warriors. 150 such stories have been written and compiled by Tanisha Agrawal.
E BOOK-UNDERWORLD BULLETS @ 199.00
Non Fiction book based on Mumbai Underworld true account. This book has 113 short pieces in Hindi about Mumbai Mafia. The tales of Mumbai underbelly will give you new horizon. The narrative of the book presents the facts, anecdotes and history of dark world of Mumbai. It is true account and chronicle of dark side of human history.
प्राणियों के प्रति संवेदना जगाता ‘जंगल सिटी’ एक दिलचस्प नाटक है। इसमें ज़्यादातर प्राणियों के किरदार हैं।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली में शैक्षणिक मामलों के पूर्व डीन डॉ. (प्रो) अभिलाष पिल्लई के मुताबिक - ‘यह नाटक मनुष्यों और जानवरों के बीच संबंधों की पड़ताल करता है। इस बात पर ध्यान आकर्षित करता है कि हम जानवरों को कैसे देखते हैं और प्राणी हमें कैसे देखते हैं।
यह नाटक हमें प्रसिद्ध नाटकों और फिल्मों जैसे ‘जंगल बुक’ और ‘लायन किंग’ की मेमोरी लेन में भी ले जाता है। यह नाटक रंगमंचीय प्रयोगों, चिल्ड्रन वर्कशॉप्स के साथ स्कूल सेलिब्रेशन या वार्षिक आयोजनों के भी योग्य है’।
नाटक का लेखन जाने-पहचाने पत्रकार और लेखक श्री शकील अख़्तर ने किया है।
मुंबई के डांस बारों पर एक किताब लिखने चला तो ‘बांबे बार – चिटके तो फटके’ तैयार हो गई। उसके बाद काम किया, तो ‘बारबंदी – बरबाद बारों की बारात’ भी तैयार हो गई। उसके बावजूद इतना मसाला बचा रह गया कि एक और किताब तैयार हो जाए, लिहाजा बारबंदगी ने आकार ले लिया।
मुंबई के डांस बार पूरी दुनिया के कैनवस पर सतरंगी और बदरंगी सपनों का संसार हर रोज रचता है। इसमें जो झिलमिलाते सितारे हैं, वह पीछे से दर्द के तारों से बंधा है।
महाराष्ट्र सरकार भले ही कहे कि राज्य में बारबंदी है, सच तो यह है कि हर जगह ‘बारबंदगी’ जारी है। रिश्वत और भ्रष्टाचार के जरिए इनकी रंगीनियां सारी रात गुलजार रहती हैं।
बारबंदी किताब में जहां बारों पर ताला जड़ने और उसके संघर्ष की दास्तान ऊभर कर सामने आई, वहीं बारबंदगी में डांस बारों के ऐसे विषयों पर चर्चा की है, जो रहस्य की श्रेणी में आते हैं।
महात्मा गांधी की 150 वीं जयंति वर्ष में उनके बचपन पर लिखा शकील अख़्तर का यह बहुप्रशंसित नाटक है।
शोध आधारित इस नाटक में महात्मा गांधी के 7 साल की उम्र से 18 साल की उम्र तक यानी 1876 से 1887 के बीच गुज़रे अहम प्रसंग हैं।
नाटक के पहले दो शोज़ नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली (भारत) में हुए हैं। सीनियर थिएटर डायरेक्टर हफीज़ ख़ान के निर्देशन में इन शोज़ में 23 बाल कलाकारों ने काम किया था।
एनएसडी के रजिस्ट्रार पीके मोहंती के शब्दों में, बच्चों के लिये यह प्रेरक और शिक्षाप्रद नाटक है।
हफीज़ ख़ान कहते हैं, ‘नाटक में महात्मा गांधी के बाल जीवन के वो अहम प्रसंग हैं जिन्होंने उन्हें ‘मोनिया दि ग्रेट’ बनाया।
मुंबई अंडरवर्ल्ड अनगिन रहस्य समेटा कहानियों का समंदर है। बस किसी के अंदर तक गोता लगा कर बाहर निकाल लाने की देर है।
किताब क्लीनर में लाशें ठिकाने लगाने वाले पेशेवरों की पूरी दास्तान है, जो आपको हर हर्फ के साथ चौंकाती है।
क्लीनर पाठक को तब तक खुद से जोड़े रखती है, जब तक कि वह इसे खत्म न कर ले।
Cleaner, a novel based on underworld, is first of it’s kind in the Hindi literature. All the charterers and events of the stories are based on a true event of sin and sinister of the world of criminality.
Vivek Agrawal picked up story of a professional dead body cleaning agent of Mumbai underworld, who is operating in disguise with his 2 friends. Backdrop of the Indian Mafioso and blending with literary allegory will keep you engaging till you end the novel.
E BOOK-UNDERWORLD DANE @ 149.00
Non Fiction book based on Mumbai Underworld true account. This book has 98 short pieces in Hindi about Mumbai Mafia. The tales of Mumbai underbelly will give you new horizon. The narrative of the book presents the facts, anecdotes and history of dark world of Mumbai. It is true account and chronicle of dark side of human history.
माफिया सिरीज की सातवीं किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और देश के तमाम रेसकोर्स में सबसे बड़े और विख्यात महालक्ष्मी रेसकोर्स की जमीन पर नियंत्रण, हजारों करोड़ के जुए-सट्टे पर कब्जे लेकर मचे घमासान और अंदरूनी रहस्यों का पर्दाफाश है। राजनेता, उद्योगपति, बिल्डर, फिल्मी हस्तियां, गिरोह सरगना के झगडे में फंसते हैं गरीब और ऐसे लोग, जिनका इस दुनिया से कोई वास्ता नहीं। उपन्यास का नायक जॉकी पीसी सेठ क्या-क्या गुल खिला सकता है, उसके अंतस में झांकने की कोशिश है। रेसकोर्स की अंदरूनी राजनीति और क्लब पर नियंत्रण के होने वाली राजनीति, उसमें बने मोहरों के टकराव की खतरनाक अंदरूनी जानकारियों और सच्चे किस्सों-किरदारों से सजी किताब का नाम है - रेसर। ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता, सच्चे किरदारों से सजा विवेक अग्रवाल का उपन्यास रेसर आपको हर पल चौंकाएगा।
रजत कपूर अंडरवर्ल्ड का फाइनेंसर है। रजत डॉन दानिश को फाईनेंस करता है लेकिन अपने साधनों-संसाधनों का दोहन उतना ही करने देता है, जिससे किसी अवैध गतिविधि में सीधे उसका नाम न जुड़े।
रजत कपूर देश का सबसे बड़ा हीरा उद्योगपति है। विश्व के ब्लड डायमंड के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शूमार है। सोने-चांदी की तस्करी में भी उसका हाथ है। अपनी चमकती-दमकती दुनिया बनाए व बचाए रखने के लिए उसने मायाजाल और इंद्रजाल बना रखा है।
वह माफिया की मदद से कारोबार करता है, भ्रष्ट अफसरों-नेताओं के जरिए सिस्टम में पैठ बना कर काले को सफेद में तब्दील करता है। दुनिया के हर भ्रष्ट देश में रजत की जड़ें हैं। काम निकालने और लाभ बढ़ाने के लिए ड्रग्स और स्मॉल आर्म्स तस्करी से भी परहेज नहीं रखता।
कैसे चलता है फाईनेंसरों का खेल और अंडरवर्ल्ड का खूनी संसार, इस किताब में बेपर्दा होकर सामने आता है।
माफिया सिरीज की छठी किताब, जिसमें अंडरवर्ल्ड और फिल्म जगत के आंतरिक रहस्यों का पर्दाफाश है।
मुंबई फिल्मोद्योग की एक सेक्सी अभिनेत्री मुंबई अंडरवर्ल्ड के बेताज बादशाह दानिश की अंकशायिनी कैसे और क्यों बनी? इस अदाकारा का ही जीजा अदीब कैसे और क्यों बन गया डॉन दानिश के लिए फिल्म जगत की अंदरूनी सूचनाएं देने वाला इनसाईडर? फिल्मी दुनिया और अंडरवर्ल्ड के बीच ऐसा चोली-दामन का गठबंधन है कि छूटे नहीं छूटता।
पुलिस वाले भी फिल्मी दुनिया का दोहन अंडवर्ल्ड के रिश्तों और उससे बचाने के नाम पर करते हैं।
ये तमाम नग्न सत्य का प्रकटन करता विवेक अग्रवाल का सच्चे किरदारों को केंद्र में रख कर लिया उपन्यास आपको हर पल चौंकाएगा।
दिल्ली की एक सत्य घटना पर आधारित उपन्यास, जो स्पेशल सेल और आतंकवादियों के बीच चूहे-बिल्ली के खेल का रोमांचक नजारा पेश करता है।
आतंकवादियों के दिल्ली दहलाने की योजना एक कोड शीट में छुपी थी, जिसे डिकोड किया स्पेशल के जांबाज डीसीपी प्रताप सिंह और उनकी टीम ने। दिमाग चकरा देने वाला उपन्यास जांच टीम को दिल्ली से बैंकॉक तक दौड़ाता है।
हर पल नए रहस्योद्घाटन उपन्यास को नवीनता देते हैं।
A novel based on a true event of Delhi police and act of terrorism. A mindboggling plot of a terror act, how Special Cell of Delhi Police solves it.
At the end of the drama, the revelation shocks all the investigative team. Cracking the conspiracy and decoded the code sheet will give a great read to the readers.
भारतीय समाज की बेड़िया जनजाति में फैली एक भयावह परंपरा, कुरीतियों, अपराधों पर आधारित किताब है – ‘अगले जनम बेड़नी ना कीजो।‘ यह किताब देश के बेड़िया समाज की सदियों पुरानी उस परंपरा पर नजर डालती है, जिसके तहत परिवार के मर्द ही अपनी बेटियों-बहनों से वेश्यावृत्ति करवाते हैं। समाज की बनाई परंपराओं के पिंजरों में कैद ये लड़कियां उन बुलबुलों की तरह हैं, जो नाच-गा तो सकती हैं, लेकिन रो नहीं सकतीं। इन बेड़नियों की दर्द भरी जिंदगी और हालात पर शोध आधारित पुस्तक है - अगले जनम बेड़नी ना कीजो। बेड़िया समाज की लड़कियां इस कलंकित पेशे से बाहर निकलने के लिए छटपटा रही हैं, उसी पर लेखक ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बेड़िया समाज में आ रहे परिवर्तनों को भी रेखांकित करने की कोशिश इस किताब में है।
Premium quality finest cotton handblock multi styling dress with exquisitely blocked peacocks with tiny black polkas. Beautiful sleeves.
FRONT FULLY OPENABLE BUTTONS.
Front both side pleats to add little flairs. Side pocket for style.
Color : Maroon
Length 48"
Sleeves 17.5".
Premium quality cotton beautiful ethnic booti print High - Low kurta with hand katha work and sequences on front. Matching border on sleeves and inside hem to provide better fall to the dress.
Color : Indigo Blue & Crimson Maroon
Length back 50"
Length front 39"
Sleeves 16.5".
Premium rayon in beautiful colors n prints. Back side gathers below shoulders. Side pocket.
Length 46"
Premium cotton slub kurta with beautiful long heavily embroidered yoke. shimmering foil mirrors to add festive touch. Both side pleats with double layer fabric.
Colors : Beige/Blue/Mango
Length : 45"
Sleeves : 16"
Premium Cotton slub kurta in all time loved denim blue color with front two slits. Indigo printed back. Beautiful n elegant embroidery in dark blue color around v neck and placket & kurta hem.
Colors : Denim Blue
Length Inner : 47"
Sleeves : 17".
Premium Crepe Jacquard Pathani style kurta. Hand dyed and hand printed in vegetable colors. Gorgeously handcrafted geometrical pattern in lovely mossy bronze color. Handy side pocket & extra button available.
Length 46"
Sleeves 18"
Color : Mossy bronze with Teal.
Premium quality finest cotton slub long frock style kurta with both side pleats on waist.
Front flower shape wooden buttons.
Hand Katha work with sequences on front and sleeves.
Color : Blue
Length 50"
Sleeves 17"
आर्केस्ट्रा डांसर की दुनिया भी निराली है। एक तरफ जहां बेड़िया समुदाय की लड़कियां पारंपरिक रूप से इन ऑर्केस्ट्रा में नाचती मिलती हैं, तो गर्ल चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकार लड़कियां भी आर्केस्ट्रा डांसर बनती है, वहीं कुछ लड़कियां बाखुशी इस पेशे में आती है। जरूरी नहीं कि वे सब वेश्यावृत्ति करें। उत्तेजित भीड़ को अपने करीब तक नहीं फटकने देती।
बिहार राज्य में ही 2,000 से अधिक आर्केस्ट्रा पार्टी फुल टाइम लड़कियों के नाच-गाने पर ही चलती हैं। कोई गरीबी की वजह से, कोई आपातकालीन जरूरतों के कारण, कोई शौकिया तौर पर, कोई सिर्फ कमाई करने के लिए, तो कोई फिल्मों में एक रोल मिलने की चाहत में आर्केस्ट्रा पार्टियों के संचालकों की गुलाम बन मंचों पर नाचती हैं। एक तरफ आर्केस्ट्रा लोगों को रोजगार देते हैं, मनोरंजन करते हैं, तो दूसरी तरफ लड़कियों के लिए सुनहले पिंजरों में तब्दील हो जाते हैं।