

E BOOK-MUMBHAI Returns
भारत ही नहीं, पूरा विश्व अजब-गजब किस्म की परंपराओं और रीतियों से भरा है। उनके पीछे वैसे ही अजब-गजब तर्क भी पेश किए जाते हैं।
अजब दुनिया है, जितनी रंगीन है यहां जिंदगी, उतने ही काले रंग हैं यहां जीवन में। कुछ बुरे रिवाज समाज में हैं, जो बनाते हैं इंसान को हैवान। ऐसा सिर्फ भारत में नहीं हो रहा। सारी दुनिया कुरीतियों से शापित हो चली है।
इन अभिशाप ने न केवल महिलाओं बल्कि पुरुषों का भी जीवन जहर से भर दिया है। इनकी आग में आज भी कई जिंदगियां जल कर खाक हो रही हैं। आलम ये है कि हर जगह अपनी जरूरत के हिसाब से परंपराएं और रीति-रिवाज लोगों ने बना लिए।
लोगों को इन कुरीतियों के दरदरे पत्थरों के नीचे कुचलते और पीसते समाज की मुखालफत भी जरूरी है।
अछूत कुत्ता किताब में इन पर न केवल लेखक ने गहरी नजर डाली है बल्कि उनके खिलाफ कलम से आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की है।